समाज में महिलाओं और पुरूषों के बीच समानता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देना होगा: सुश्री भूरिया
लैगिंक हिंसा समाज में असमान शक्ति संरचनाओं का परिणाम है: राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष श्रीमती रहाटकर
महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया के रहाटकर ने गुरूवार को लिंग आधारित हिंसा-समाज और समाधान कार्यक्रम को सम्बोधित किया। महिला बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए समाज में महिलाओं और पुरूषों के बीच समानता और सम्मान की भावना को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि लिंग आधारित हिंसा एक गंभीर सामाजिक चुनौती है जो महिलाओं और समाज के समग्र विकास में बाधा डालती है।
मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि समाधान के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हम हमेशा से लड़कियों को गलती पर उन्हें समझाइश देते हैं, पर लड़कों को उनकी गलती की माफी दी जाती है, इस पंरपरा को तोड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिये “हम होंगे कामयाब” अभियान संचालित किया। इसमें घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, बाल विवाह आदि विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्र की बच्चियों और महिलाओं को पूर्ण लाभ मिला रहा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रहाटकर ने कहा लिंग आधारित हिंसा एक गंभीर सामाजिक चुनौती है, जो महिलाओं और समाज के समग्र विकास में बाधा डालती है। यह समस्या केवल भारत की नहीं अपितु पूरे विश्व की है। यह समाज में असमान शक्ति संरचनाओं का परिणाम है जो लिंग के आधार पर भेदभाव उत्पीड़न को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा सिर्फ शारीरिक नहीं होती, महिलाओं पर इसका मानसिक और आर्थिक रूप से भी गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि महिला कामकाजी होने के बाद भी वह कभी-कभी आर्थिक हिंसा से जूझती है। इस विषय पर ज्यादातर घर के बाहर होने वाली हिंसा पर बात की जाती है। सबसे ज्यादा हिंसा घर में भी होती है, जिसकी रिपोर्ट बहुत सी महिलाएं नहीं करती है।
अध्यक्ष महिला आयोग श्रीमती रहाटकर ने कहा कि लैंगिक हिंसा का मुद्दा सिर्फ महिलाओं का नहीं है, पुरूषों का भी है। बराबरी के भाव से लिंग आधारित हिंसा खत्म हो सकती है। लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने के लिए महिला और पुरूष दोनों को एक-दूसरे का सम्मान कर आगे बढ़ना होगा। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने महिला बाल विकास विभाग की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में इस दिशा में गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। महिला आयोग और म.प्र. शासन के सहभागिता से जेल महिला कैदियों को जलकुंभी से उपयोगी चीजे बनाने के प्रशिक्षण प्रशंसनीय है।
प्रमुख सचिव, महिला बाल विकास श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने कहा कि लिंग आधारित हिंसा के कई कारण है, जैसे सामाजिक और सांस्कृतिक मान्याताएँ शक्ति असंतुलन आदि। विभाग की कई योजनाएँ लिंग आधारित हिंसा की रोकने और पीड़ितों को सहारा देने के लिए लागू की गई है। जैसे वन स्टॉप सेंटर, जहाँ हिंसा पीड़ित महिलाओं को एक छत के नीचे चिकित्सा सहायता, कानूनी मदद, पुलिस सहायता और मानसिक काउंसिलिंग प्रदान की जाती है। महिला हेल्पलाइन 1091, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, कामकाजी महिलाओं के लिए सखी निवास जैसे सुविधाएं दी जा रही है। श्रीमती शमी ने कहा कि इस विषय पर महिलाओं को तो जागरूक किया ही जा रहा है, उससे कहीं ज्यादा पुरूषों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक पक्ष को जागरूक करने से समस्या का समाधान नहीं होगा।
आयुक्त, महिला बाल विकास श्रीमती सूफिया फारूकी वली ने कहा कि महिलाओं के विषय पर बातचीत के लिए पुरूषों से भी संवाद आवश्यक रूप से आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और विभिन्न एनजीओ और वन स्टाप सेंटर के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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